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लेखनी कहानी -17-Apr-2024

शीर्षक - राम नवमी


             आज हम सभी जानते हैं प्रभु श्री राम जी के साथ हम सभी यह पर्व भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है। हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था अत: इस शुभ तिथि को भक्त लोग रामनवमी के रूप में मनाते हैं एवं पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य के भागीदार होते है।राम रामायण के अनुसार,महाराज दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त थे। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया।
    भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। माता सीता का अपहरण रावण द्वारा किया गया, जिसकी खोज में जटायु पक्षी, जो बात करता था तथा जिसने रावण का प्रतिकार किया था, का पिता के समान अन्त्येष्टि संस्कार किया। आगे वानर द्वय हनुमान और सुग्रीव से मिले। सुग्रीव के साथ मैत्री की और उसके भाई बालि का वध कर सुग्रीव को वानरों और रीछों का राजा बनाया। हनुमान जी ने 100 योजन समुद्र लाँघ कर लंका में माता सीता की खोज की। श्रीराम ने रावण के भाई विभीषण को शरण दी। उन्होंने रावण को उसके पुत्र मेघनाद तथा भाई कुंभकर्ण सहित मार गिराया। रामेश्वरम् में शिवलिंग स्थापित किया जो कि ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध है। नवरात्रि में शक्ति की पूजा के उपरांत समुद्र पर पुल बनाया और रावण को विभीषण के द्वारा बताए रहस्य जान कर मार गिराया। पुष्पक विमान के द्वारा माता सीता को लेकर शीघ्र भरत जी के पास अयोध्या पहुँचे। महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत भाषा का प्रथम महाकाव्य रामायण की रचना की। महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने भी उनके जीवन पर केन्द्रित भक्तिभाव पूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य रामचरितमानस की रचना की, जो कि अवधी भाषा की श्रेष्ठ एवं वृहत्तम रचना है। संप्रति, यह अत्यंत प्रसिद्ध है। इसे एक धर्मग्रन्थ की संज्ञा दी गयी है। इन दोनों के अतिरिक्त अन्य भारतीय भाषाओं में भी रामायण की रचना हुई हैं, जो बहुत प्रसिद्ध भी हैं। स्वामी करपात्री ने रामायण मीमांसा में विश्व की समस्त रामायणों का उल्लेख किया है। दक्षिण के क्रांतिकारी पेरियार रामास्वामी व ललई सिंह की रामायण तीक्ष्ण आलोचनादृष्टि से युक्त है। भारत में राम अत्यन्त पूजनीय हैं और आदर्श पुरुष हैं तथा विश्व के कई देशों में भी श्रीराम आदर्श के रूप में पूजे जाते हैं, जैसे नेपाल, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया आदि।

वैदिक धर्म के कई त्योहार, जैसे दशहरा, राम नवमी और दीपावली, श्रीराम की कथा से जुड़े हुए हैं। रामायण भारतीयों के मन में बसता आया है, और आज भी उनके हृदयों में इसका भाव निहित है। भारत में किसी व्यक्ति को नमस्कार करने के लिए राम राम, जय सियाराम जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। रामायण में वर्णन के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी राजा दशरथ को चौथेपन तक संतान प्राप्ति नहीं हुई : "एक बार भूपति मन माहीं। भै गलानि मोरें सुत नाहीं।।" तदुपरांत सम्राट दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ (पुत्र प्राप्ति यज्ञ) कराया जिसके फलस्वरूप उनके पुत्रों का जन्म हुआ। श्रीराम चारों भाइयों में सबसे बड़े थे। एक मान्यता के अनुसार उनकी एक बहन भी थी जिसका नाम शांता था, हालाँकि वाल्मीकीय रामायण, अध्यात्म रामायण एवं श्रीरामचरितमानस जैसे सर्वमान्य ग्रन्थों में कहीं शांता का उल्लेख नहीं है। महाभारत के अनुसार शांता महाराज दशरथ के मित्र[12] लोमपाद की पुत्री थी जिनका विवाह ऋष्यशृङ्ग (शृंगी ऋषि) से हुआ था।[13] श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था : "नवमी तिथि मधुमास पुनीता। सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता।। मध्य दिवस अति सीत न घामा। पावन काल लोक बिश्रामा।। इसलिए हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम-जयंती या रामनवमी का पर्व मनाया जाता है। कुछ हिंदू ग्रंथों में, राम के बारे में कहा गया है कि वे त्रेता युग में रहते थे। उनके लेखकों का अनुमान है कि उनका समय लगभग 5,000 ईसा पूर्व था। कुछ अन्य शोधकर्ता राम को कुरु और वृष्णि नेताओं की सूचियों के आधार पर 1250 ईसा पूर्व,[15] के आसपास मानते हैं। यह पर्व भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है। हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था अत: इस शुभ तिथि को भक्त लोग रामनवमी के रूप में मनाते हैं एवं पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य के भागीदार होते है।ऐसी मान्यताएं हैं कि चैत्र नवरात्र के नौवें दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था. इसलिए इसे रामनवमी भी कहा जाता है। जीवन के सच में मर्यादा पुरुषोत्तम राम को मर्यादाओं के साथ सूर्यवंशी और धर्म और मर्यादा पर वचन निभाने वाले श्री राम जी को हम सभी समुदाय में राम नाम को महत्व दिया जाता है और चैत्र पक्ष में रामनवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। रामनवमी के भजन शब्द और तर्क प्रभाव से हैं परंतु हम सभी राम जी को एक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान का रूप मानते हैं और जय जय श्री राम जय श्री राम के नारे लगाते हैं।


नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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3 Comments

Mohammed urooj khan

20-Apr-2024 11:12 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

19-Apr-2024 06:26 PM

👌🏻👏🏻

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Anjali korde

18-Apr-2024 02:50 PM

V nice

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